Birbal Ki Khichadi | बीरबल की खिचड़ी

5
1590

Birbal Ki Khichadi: एक दिन बादशाह अकबर अपने नगर में एक घोषणा की, जो व्यक्ति सर्दी के इस कपकपाती ठंडी में, नदी के ठंडे पानी में रात भर खड़ा रहेगा उसे राज दरबार की ओर से इनाम दिया जाएगा।

Birbal Ki Khichadi | बीरबल की खिचड़ी – अकबर बीरबल की कहानी

Birbal Ki Khichadi बीरबल की खिचड़ी
Birbal Ki Khichadi बीरबल की खिचड़ी

इस घोषणा को सुनकर एक गरीब धोबी ने पूरी रात नदी में खड़े होकर बिता दी और अगले दिन बादशाह के दरबार में जाकर अपना इनाम मांगने की गुजारिश की। बादशाह अकबर ने उस गरीब धोबी से यह सवाल किया कि क्या यह बता सकते हो कि तुम किस शक्ति के सहारे कल रात नदी में खड़े रह पाए? मूर्ख लोगों की सूची

धोबी ने बड़े ही मासूमियत के साथ जवाब दिया। जहांपनाह – मैं कल रात महल की छत पर जलते हुए दीए को देखता रहा। उसी की शक्ति से मैं कल सारी रात नदी में खड़ा रह पाया।

बादशाह ने उसका जवाब सुनकर कहा – इसका मतलब यह हुआ कि महल के दीए की रोशनी की गर्मी के कारण तुम सारी रात पानी में खड़े रह पाए। इसलिए तुम इनाम के सच्चे हकदार नहीं हो सकते।

बादशाह अकबर की बात सुनकर धोबी उदास हो गया। वह बीरबल के पास जाकर अपनी सारी व्यथा बता दी। वह बीरबल से अपना न्याय मांगा। कवि और धनवान आदमी

बीरबल ने गरीब धोबी की बात बड़ी गंभीरता से सुनी। बीरबल ने उसे सांत्वना दी और उसे न्याय दिलाने की बात कह कर घर भेज दिया।

धोबी को मिला न्याय

बादशाह ने अगले दिन बीरबल को दरबार में न पाकर एक दरबारी से बीरबल को बुलाने के लिए भेजा। दरबारी ने आकर बादशाह अकबर को सूचना दी कि बीरबल ने कहा है कि जब उनकी खिचड़ी पूरी तरह से पक जाएगी तभी वह दरबार में आ सकेंगे।

बादशाह को यह सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ! काफी देर बीत जाने के बाद भी बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं हुए। तब अकबर दरबारियों के साथ बीरबल के घर पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि दो लंबे बास के डंडों के ऊपर एक हंडिया में चावल रख कर और नीचे जमीन पर आग जलाकर खिचड़ी पकाई जा रही है। कुँए का विवाह: तेनालीराम की कहानी

बादशाह यह देख कर थोड़ी तल्ख़ आवाज में पूछा- बीरबल यह क्या तमाशा है? क्या इतनी दूरी पर रखी हंडिया में खिचड़ी पक जाएगी?

बीरबल ने तुरंत जवाब दिया।- हुजूर जरूर पक जाएगा।

बादशाह असमंजस भरे भाव से पूछा- वह कैसे?

बीरबल ने कहा- जहांपनाह बिलकुल वैसे ही जैसे महल के ऊपर जल रहे दिए कि गर्मी के कारण धोबी पूरी रात नदी के पानी में खड़ा रहा।

बादशाह अकबर बीरबल का यह तर्कसंगत उत्तर सुन कर झेंप गए। उन्होंने तुरंत दरबारियों से कहा कि वे जल्द-से-जल्द धोबी को ढूंढ लाए ताकि उसे उसका इनाम मिल सके।

बीरबल की खिचड़ी का अर्थ क्या होता है?

इस घटना के बाद से ही बीरबल की खिचड़ी कहावत प्रसिद्ध हो गई। जिसका अर्थ होता है कि आसान काम को भी कठिनाई से करना या फिर आसान काम को भी देर से करना।

Previous articleखूंखार घोड़ा – तेनालीराम की कहानी
Next articleSangya Kise Kahate Hain | संज्ञा किसे कहते हैं
मेरा नाम श्रीमती स्मिता सिंह है। मै इस वेबसाइट "www.hindikahani.xyz" की लेखिका और संस्थापिका हूँ। मेरी शिक्षा बी.ए. (सोसियोलॉजी, ऑनर्स) मगध विश्वविद्यालय से हुई है। मुझे हिंदी विषय में बहुत रूचि है। मुझे हिन्दी विषय का विशेष ज्ञान है और मुझे अध्यापन का कई वर्षों का अनुभव है। मैंने इस शैक्षिक वेबसाइट को अपनी राष्ट्रीय भाषा हिंदी में सभी को मुफ्त शिक्षा देने की सोच के साथ शुरू किया है। जिससे इस विषय से सम्बंधित जानकारी ज्यादा-से-ज्यादा पाठकगण को प्राप्त हो सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here