Chalak Machhali Hindi Kahani | हिंदी कहानी – चालाक मछली

Chalak Machhali Hindi Kahani | हिंदी कहानी - चालाक मछली

1
1928

Chalak Machhali : एक बार की बात है , एक मछुआरा नदी के किनारे रोज मछली पकड़ने जाता था। वह उन मछलियों  को बाज़ार में बेचकर पैसा कमाता था। जिससे वह अपनी जीवन – यापन करता था।

चालाक मछली Chalak Machhali Hindi Kahani

चालाक मछली | Chalak Machhali Hindi Kahani

एक दिन वह यह सोचकर घर से निकला कि आज वह ज्यादा से ज्यादा मछली पकड़ेगा और उसे बेचकर ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाएगा। ऐसा सोचते हुए वह नदी के पास आया और मछली पकड़ने के लिय नदी में जाल फेंका। जाल में कुछ हलचल हुई। मछुआरा ने जाल अपनी ओर खींचा । उसने देखा कि जाल में छोटी सी मछली है और वह काफी तेज़ी से जाल में कूद रही थी । जैसे वह अभी नदी में छलांग लगा देगी। 

चालाक मछली Chalak Machhali Hindi Kahani

मछली ने मछुआरे से कहा – तुम मुझे छोड़ दो , मैं काफी छोटी हूँ। तुम मुझे छोड़ दोगे तो मैं नदी में जाकर बहुत सारी मछलियों को अपने साथ नदी के किनारे ले आऊँगी।

तब तुम सब मछलियों को पकड़ लेना । मछुआरे ने सोचा – छोटी मछली ठीक कह रही है , और वह ऐसा सोचकर मछली को वापस नदी में डाल दिया। मछली ने मछुआरे को धन्यवाद दिया और नदी के अन्दर चली गई।

चालाक मछली Chalak Machhali Hindi Kahani

मछुआरा नदी के किनारे मछलियों का आने का इन्तज़ार करता रहा। सुबह से शाम हो गई परन्तु मछुआरे ने एक भी मछली नदी के किनारे पर आते हुए नहीं देखा। अब वह सब कुछ समझ गया था की छोटी मछली ने चालाकी की थी।

यें कहानियाँ भी पढ़ें

शिक्षा : मनुष्य को ज्यादा लालच नुकसानदेह होता है।

Previous articleAmma Ki Tarqeeb | अम्मा की तरकीब
Next articleमूर्ख नाई | Murkh Naai
मेरा नाम श्रीमती स्मिता सिंह है। मै इस वेबसाइट "www.hindikahani.xyz" की लेखिका और संस्थापिका हूँ। मेरी शिक्षा बी.ए. (सोसियोलॉजी, ऑनर्स) मगध विश्वविद्यालय से हुई है। मुझे हिंदी विषय में बहुत रूचि है। मुझे हिन्दी विषय का विशेष ज्ञान है और मुझे अध्यापन का कई वर्षों का अनुभव है। मैंने इस शैक्षिक वेबसाइट को अपनी राष्ट्रीय भाषा हिंदी में सभी को मुफ्त शिक्षा देने की सोच के साथ शुरू किया है। जिससे इस विषय से सम्बंधित जानकारी ज्यादा-से-ज्यादा पाठकगण को प्राप्त हो सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here