घमंडी गुलाब
Best 2 Moral Story in Hindi: एक बार की बात है। एक रेगिस्तान में कहीं से एक गुलाब का पौधा जन्म लिया और बढ़ने लगा। गुलाब के आस – पास बहुत सारा नागफनी (कैक्टस) और रेगिस्तानी पौधे भी थे। गुलाब हर रोज अपने खूबसूरत चेहरा और लाल रंग पर इठलाता और गर्व करता रहता था। गुलाब अपने सुंदर रूप के आगे नागफनी (कैक्टस) का हर रोज मजाक और अपमान करता था। गुलाब कहता था कि देखो कैक्टस को भगवान ने कैसा रूप दिया है। उसके चेहरे पर काँटे ही काँटे हैं।
मगर नागफनी (कैक्टस) गुलाब की बातों का कभी भी विरोध नहीं करता था। वह चुपचाप गुलाब की कड़वी बातें सुन लेता था। गुलाब की इन कड़वी बातों के लिए आसपास के पौधे उसे समझाते थे कि ऐसी बातें मत करो। कैक्टस के लिए ऐसा कहना गलत है। मगर गुलाब किसी की बात का कोई असर नहीं होता था। वह अपने ही सुंदरता मैं मगन रहता था।
ग्रीष्म ऋतु का आगमन होने पर भीषण गर्मी में रेगिस्तान का पूरा पानी सूख गया। पौधों और पक्षियों के लिए भी पानी नहीं बचा। इस बीच गुलाब का पौधा गर्मी के मौसम को बर्दाश्त नहीं कर पाया। उसकी कोमल और सुंदर पंखुड़ियाँ गर्मी के कारण सूखने और जलने लग गई। वह जल्द ही मुरझाने लगा।
नागफनी (कैक्टस) को देखते ही एक चिड़िया उड़ते हुए उसके पास आई। चिड़िया ने नागफनी (कैक्टस) के पौधे में अपनी चोंच मारी और मन भर पानी पी कर खुश हो गई। चिड़िया ने उड़ते-उड़ते नागफनी (कैक्टस) को धन्यवाद देते गई।
गुलाब यह सारी बातें अपनी आंखों से देख रहा था। उसे अब अपनी सुंदरता अच्छी नहीं लग रही थी। उसे अपनी सुंदरता बस दिखावटी लग रही थी। गुलाब को एहसास हो गया था कि सही सुंदरता रूप नहीं होता है। गुलाब अपनी जान बचाने के लिए शर्मिंदा होते हुए पानी की
कुछ बूंदे नागफनी (कैक्टस) से मांगा। नागफनी (कैक्टस) ने बेझिझक गुलाब को पानी दे दिया। कैक्टस के ऐसा करते ही गुलाब का घमंड चूर – चूर हो गया। गुलाब इस घटना के बाद फिर कभी भी अपने रुप पर घमंड नहीं किया।
शिक्षा | Best 2 Moral Story in Hindi
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी प्राणी की सुंदरता मात्र से उसके गुणों का आकलन नहीं किया जा सकता है।
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Best 2 Moral Story in Hindi Short
दूधवाले का सपना
Best 2 Moral Story in Hindi: हरीराम एक दूध वाला था। उसकी एक गाय थी। गाय रोज दूध देती थी और हरी राम का घड़ा दूध से भर देती थी। यह देख कर हरीराम खुश होता और खुशी-खुशी उस दूध से भरे घड़े को बाजार में जाकर अच्छे दाम में बेच देता था। हरीराम को दूध से प्राप्त पैसे को किस प्रकार और कहाँ खर्च करने के बारे में सोचना बहुत ही अच्छा लगता था।
दूध बेचकर जैसे – जैसे वह पैसे प्राप्त करता जाता वैसे – वैसे वह उन चीजों के बारे में सोचता जाता जिसे वह खरीदना चाहता था। एक सुबह जब हरीराम अपनी गाय की दूध अपने घड़े में निकाल रहा था। तभी वह अपने पैसे खर्च करने के बारे में सोचने लगा। वह सोच रहा था कि
जब यह दूध बाजार में अच्छे दाम में बिक जाएंगे तब उन पैसों से मैं दो मुर्गी खरीदूंगा। जब दोनों मुर्गी अंडे देंगी तब मैं दूध बेचने के साथ-साथ उन अंडों को भी बाजार में जा कर बेचूंगा। जिससे मुझे और ज्यादा पैसे प्राप्त होंगे।
हरीराम दूध निकालने के साथ-साथ पैसे के बारे में सोचते ही जा रहा था। वह सोच रहा था कि जब मेरे पास दूध और अंडे से पैसे अधिक प्राप्त हो जाएंगे तब मैं एक छोटी सी जमीन का टुकड़ा खरीदूंगा। जिस पर मैं अपनी फसल उपजाऊंगा। जैसे – जैसे वह सोच रहा था वैसे – वैसे वह खुशी के मारे उत्साहित होता जा रहा था।
हरीराम के अधिक उत्साह के कारण उसकी गाय का दूध घड़े के बजाय कब जमीन पर गिरना शुरू हो गया उसे पता ही नहीं चला। जमीन पर दूध फैलने के कारण जमीन गीली हो चुकी थी। गीली जमीन होने के कारण गाय ने हरीराम को एक लात दे मारी। गाय के लात मारने के कारण हरीराम चौंक उठा। उसने देखा कि उसका सारा दूध जमीन पर फ़ैल कर बर्बाद हो चुकी थी। दूध बर्बाद हो जाने के कारण हरिराम बहुत दुखी हुआ। हरीराम के सिर्फ सोचते रहने की आदत के कारण उस दिन वह दूध नही बेच सका।
शिक्षा | Best 2 Moral Story in Hindi
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें सिर्फ सपने ही नहीं बल्कि सपनों को पूरा करने के लिए उस पथ पर कर्म भी करनी चाहिए। तभी हमें सफलता प्राप्त होती है।