Sangya Kise Kahate Hain | संज्ञा किसे कहते हैं

1
3346

इस लेख में हम संज्ञा और संज्ञा के भेदों को उदहारण सहित जानेंगे। संज्ञा किसे कहते हैं? (sangya kise kahate hain?), संज्ञा के कितने भेद हैं? इन प्रश्नों को विस्तार पूर्वक हम इस लेख में जानेंगे –

Sangya Kise Kahate Hain? संज्ञा किसे कहते हैं?

किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।

नाम अनेक प्रकार के होते हैं –

  1. व्यक्तियों के नाम : विराट कोहली, शीना, दादा
  2. प्राणियों के नाम ( पशु-पक्षी, कीट-पतंगे आदि ): शेर, कछुआ, मधुमक्खी
  3. स्थानों के नाम: डाकघर, बाज़ार, पहाड़ ( हिमालय )
  4. भावों के नाम: ख़ुशी, बुढ़ापा, हरियाली

संसार में हर चीज़ का कुछ-न-कुछ नाम होता है। इन्ही नामों को ‘संज्ञा’ कहा जाता है।

ये भी पढ़ें –
शब्द और वाक्य शब्द
हिंदी मात्रा
वर्णमाला किसे कहते है

संज्ञा sangya kise kahate hain
sangya kise kahate hain

Sangya Ke Bhed – संज्ञा के भेद

संज्ञा को हम दो आधार पर समझेंगे ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके –

(1) उत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के तीन भेद होते हैं :-

  • (क) रूढ़
  • (ख) यौगिक
  • (ग) योगरूढ़

(क) रूढ़ संज्ञा

रूढ़ संज्ञा उस संज्ञा को कहते हैं जिसका प्रत्येक खंड निरर्थक होते हैं। अर्थात् जिस संज्ञा शब्द को अलग करने पर कोई अर्थ नहीं देता है।

जैसे – बस, घर, डर, हल आदि।

शब्द बस को अलग-अलग करे तो ‘ब’ और ‘स’ तो इसका कोई अर्थ नही मिलता है।

(ख) यौगिक संज्ञा

जब एक से अधिक सार्थक शब्द मिलते हैं तो उसे यौगिक संज्ञा कहते हैं।

जैसे- हिमालय , अगर शब्द हिमालय में ‘हिम’ और ‘आलय’ को अलग करते हैं तो पाते है कि दोनों ही शब्द का अर्थ हमे मिलता है। ‘हिम’ का अर्थ होता है बर्फ और ‘आलय’ का अर्थ होता है घर अर्थात् बर्फ का घर। वैसे ही विद्यालय, मदिरालय इत्यादि।

(ग) योगरूढ़ संज्ञा

योगरूढ़ उस संज्ञा को कहते है जो अपने मूल अर्थ को छोड़ कर कोई विशेष अर्थ को दर्शाता हैं। अर्थात् जिस शब्द को अलग-अलग किया जाए तो वह अपने मूल अर्थ से हटकर अलग अर्थ को दर्शाता है।

जैसे – नीरज, शब्द नीरज में ‘नीर’ का अर्थ होता है पानी और ‘ज’ का अर्थ होता है जन्मा अर्थात् पानी में जन्म लेने वाला। मगर यहाँ नीरज एक विशेष अर्थ कमल को दर्शाती है।

अतः इसप्रकार की संज्ञा योगरूढ़ संज्ञा कहलाते हैं।

संज्ञा sangya ke bhed
Sangya Kise Kahate Hain

(2) अर्थ के आधार पर संज्ञा के पांच भेद होते हैं:-

1.व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)
2.जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)
3.भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)
4.द्रव्यवाचक संज्ञा (Meterial Noun)
5.समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun)
Sangya Kise Kahate Hain

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? Vyakti Vachak Sangya Kise Kahate Hain?

“जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के नाम का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।”

उदाहरण – श्याम, राधा, चेतक (घोड़ा), हिमालय (पर्वत), गंगा (नदी), दिल्ली (शहर) आदि।

2. जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? Jativachak Sangya Kise Kahate Hain?

“जिस संज्ञा शब्द से सम्पूर्ण जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।”

उदाहरण – मानव, लड़का, लड़की, घोडा, नदी, पहाड़ आदि।

3. भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं?Bhav vachak Sangya Kise Kahate Hain?

“जिस संज्ञा शब्द से गुण, दशा, क्रिया, धर्म, भाव आदि का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।”

उदाहरण – ख़ुशी, रोना, पतला, मानवता, कृतज्ञता, करुणा आदि।

4. द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? Dravyavachak Sangya Kise Kahate Hain?

“जिस संज्ञा शब्द से किसी द्रव्य या पदार्थ के नाम का बोध होता है तथा जिसे नापा या तौला जा सके उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।”

उदाहरण – गेहूँ , चावल, लोहा, तांबा, दूध, तेल, घी आदि।

5. समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? Samuhvachak Sangya Kise Kahate Hain?

“जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति या वस्तु के समूह अथावा झुंड का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है।”

उदाहरण – मेला, फौज, भीड़, वर्ग आदि।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here