वाक्य किसे कहते हैं? | वाक्य की परिभाषा, भेद और उदाहरण हिंदी में | Vakya Kise Kahate Hain

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Vakya Kise Kahate Hain: हमने शब्दों के बारे में पढ़ा है कि वर्णों के सार्थक समूह शब्द कहलाते हैं। शब्द हर भाषा की प्रारंभिक अवस्था है, जो विकास कर वाक्य का स्वरूप बन जाता है। इस लेख में हम वाक्य और उसकी रचना के बारे में पढ़ेंगे।

अपने मन की बात दूसरों तक पहुंचाने के लिए वाक्य की सहायता ली जाती है। वाक्य के अपने भाव होते हैं। चाहे वह छोटा हो या बड़ा।

Vakya Kise Kahate Hain
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वाक्य किसे कहते हैं? Vakya Kise Kahate Hain

सार्थक शब्दों का वह क्रम-समूह जिससे कोई भाव विचार या अर्थ प्रकट हो उसे वाक्य कहते हैं। दूसरे शब्दों में भाव और विचारों को प्रकट करने वाले सार्थक और व्यवस्थित शब्द समूह को वाक्य कहते हैं।
उदाहरण

  • मुझे खाने के लिए भोजन चाहिए।
  • पटना गंगा के किनारे बसी है।
  • भारत मैच जीत लिया है।
  • उपर्युक्त वाक्य में शब्दों का क्रम-समूह उचित है। इससे पता चलता है कि यह सही वाक्य है।

वाक्य को इस प्रकार भी समझा जा सकता है-
उदाहरण

  • मुझे चाहिए भोजन खाने के लिए।
  • गंगा पटना बसी है के किनारे।
  • भारत लिया है जीत मैच।

उपयुक्त उदाहरण से पता चल रहा है कि वाक्य मात्र शब्दों का समूह है। इसमें शामिल सभी शब्द सार्थक हैं, परंतु इनका क्रम उचित नहीं है। अतः शब्दों का सही क्रम में होने पर ही सही वाक्य की रचना होती है।

वाक्य के अंग

वाक्य के दो अंग होते हैं।

  1. उद्देश्य
  2. विधेय

उद्देश्य- वाक्य में जिसके विषय या बारे में कुछ कहा जाए, वह उद्देश्य कहलाता है। उद्देश्य को कर्त्ता भी कहा जाता है।
उदाहरण

  • पिताजी साइकिल चला रहे हैं।
  • बच्चे किताब पढ़ रहे हैं।
  • गीता गीत गा रही है।

उपयुक्त उदाहरण में पिताजी, बच्चे, गीता के बारे में क्रमशः साइकिल चलाने की, किताब पढ़ने की, गीत गाने की बात कही गई है। इसलिए पिताजी, बच्चे, गीता वाक्य में उद्देश्य के रूप में है।

विधेय– वाक्य में उद्देश्य या कर्त्ता के बारे में जो भी बातें कही जाती है उसे विधे‌य कहा जाता है।
उदाहरण

  • पिताजी ने नई कार खरीदी।
  • बच्चा दूध पीकर सो गया।
  • रमेश सो रहा है।

प्रयुक्त उदाहरण में नई कर खरीदी, दूध पीकर सो गया तथा सो रहा है, क्रमशः पिताजी, बच्चा, रमेश के बारे में कही गई बातें हैं। अतः यह शब्द विधेय है। विधेय में कर्म तथा क्रिया सम्मिलित रहते हैं।

उद्देश्य और विधेय को समझने के लिए नीचे दी गई तालिका को ध्यान से पढ़ें।

उद्देश्यविधेयपूर्ण वाक्य
रामप्रतिदिन स्कूल जाता हैराम प्रतिदिन स्कूल जाता है
पिताजीकार चला रहे हैंपिताजी कार चला रहे हैं
कुत्ताभौंक रहा हैकुत्ता भौंक रहा है
गणेशभजन गा रहा हैगणेश भजन गा रहा है

वाक्य के भेद

वाक्य के भेद दो आधार पर किए गए हैं।
अर्थ के आधार पर
रचना के आधार पर

अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं

  1. विधानवाचक वाक्य
  2. निषेधवाचक वाक्य
  3. आज्ञावाचक वाक्य
  4. विस्मयवाचक वाक्य
  5. संदेहवाचक वाक्य
  6. संकेतवाचक वाक्य
  7. प्रश्नवाचक वाक्य
  8. इच्छावाचक वाक्य

विधानवाचक वाक्य- ऐसा वाक्य जिसमें किसी कार्य या किसी बात के होने की बात कही जाती है, विधानवाचक वाक्य कहलाता है।
दूसरे शब्दों में, जिस वाक्य में कुछ कहा जाए या बताया जाए, उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण
मैं स्कूल जाऊंगा।
सुरेश क्रिकेट खेल रहा है।

उपयुक्त उदाहरण में किसी कार्य को बताया जा रहा है।

निषेधवाचक वाक्य- ऐसे वाक्य जिसे किसी कार्य के न होने की जानकारी मिलती या बोध होता है, निषेधवाचक वाक्य कहलाता है।
उदाहरण
बच्चे पढ़ाई नहीं कर रहे हैं।
आज मेहमान नहीं आएंगे।

आज्ञावाचक वाक्य- ऐसे वाक्य जिसे कोई आज्ञा, आदेश, निवेदन, अनुमति आदि की जानकारी या भाव प्रकट हो, उसे आज्ञा्वाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण
पिताजी के लिए पानी लाओ।
तुम्हें स्कूल जाना है।
क्या मैं यहां बैठ सकता हूँ?

विस्मयवाचक वाक्य- जिस वाक्य से हर्ष, घृणा, शोक, भय आदि का भाव प्रकट हो, उसे विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण
वाह! कितना सुंदर फूल है। (हर्ष)
छिः! कितनी गन्दी बात कही। (घृणा)
अरे! आप कब आए? (विस्मय)
ओह! कितने दुख की बात है। (शोक)

संदेहवाचक वाक्य- जिन वाक्यों से संदेह का बोध हो अर्थात ऐसे वाक्य जिसे किसी कार्य के होने या नहीं होने की स्पष्ट जानकारी ना मिलकर केवल इसकी संभावना होती है, उसे संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण
शायद, क्या, लगता है।
शायद , मैं मां के घर जाऊं।
क्या वह मुंबई जाएगा?

संकेतवाचक वाक्य- ऐसे वाक्य जिनसे वक्ता द्वारा संकेत प्रकट किया जाता है, उसे संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। दूसरे शब्दों में जिस वाक्य में किसी बात का संकेत या शर्त की पूर्ति हो, उसे संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण
यदि वह खेलेगा तो मैच जरूर जीतेगा।
यदि तुम मेरे पास आओगे, तभी मैं वहां जाऊंगा।

प्रश्नवाचक वाक्य- जिन वाक्यों से प्रश्न पूछने या कुछ जानने की जिज्ञासा का भाव प्रकट हो, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण
परीक्षा में कौन-कौन उत्तीर्ण हुए हैं?
दरवाजा किसने खटखटाया है?
तुम क्या खा रहे हो?

इच्छावाचक वाक्य- जिस वाक्य में इच्छा, कामना या आशा का भाव प्रकट हो उसे, इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण
आप परीक्षा में उत्तीर्ण हो। (इच्छा)
काश! मैं भी बड़ा नेता बन जाता। (आशा)
आप जल्दी स्वस्थ हो जाए। (कामना)

रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं।

  1. सरल वाक्य
  2. संयुक्त वाक्य
  3. मिश्र या मिश्रितवाक्य

सरल वाक्य- ऐसे वाक्य जिसमें क्रिया एक ही हो, चाहे कर्त्ता एक या अनेक हो, ऐसे वाक्य सरल वाक्य कहलाता है।
उदाहरण
मोहन को मिठाई मिली।
रमेश, श्याम और गणेश पढ़ रहे हैं।

संयुक्त वाक्य- जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक सरल वाक्य या उपवाक्य समान स्तर के होते हैं और, तथा, किंतु, परंतु, या, इसलिए, आदि समुच्चयबोधक अव्यय द्वारा जुड़े होते हैं, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं।
संयुक्त वाक्य में आने वाले सभी उपवाक्य परस्पर स्वतंत्र होते हैं।
उदाहरण
तुम नाचते रहो और मैं ढोलक बजाता हूँ।
सूरज निकला और सुबह हो गई।
मुझे प्यास लगी है इसलिए मैं पानी पी रहा हूँ।

मिश्र या मिश्रित वाक्य- जिस वाक्य में एक मुख्य या प्रधान उपवाक्य हो और अन्य उपवाक्य उसपर आश्रित हो, उसे मिश्र या मिश्रित वाक्य कहते हैं।
उदाहरण
रवि विद्यालय नहीं गया, क्योंकि उसकी तबीयत ठीक नहीं थी।
यदि वर्षा होगी तो फसल अच्छी होगी।

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