अकबर-बीरबल की कहानी: जोरू का गुलाम | Akbar Birbal Ki Kahani: Joru Ka Gulam

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जोरू का गुलाम: बादशाह अकबर और बीरबल बड़ा ही फुर्सत में बैठकर आपस में बातें कर रहे थे। बात होते-होते पति-पत्नी के रिश्ते पर आ गई। इस पर बीरबल ने महाराज अकबर से कहा कि महाराज इस संसार में अधिकतर मर्द जोरू का गुलाम होते हैं और अपनी बीवी से डरते हैं। इस बात पर बादशाह बोले कि मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ।

बीरबल बोले- महाराज मैं इस बात को सिद्ध कर सकता हूँ।
महाराज बोले- तो ठीक है सिद्ध करो इस बात को।
बीरबल बोले- अवश्य महाराज आप आज ही नगर में आदेश जारी करें कि कोई भी व्यक्ति अगर अपनी बीवी से डरने की बात मानता है तो उसे एक मुर्गा दरबार में बीरबल के पास जमा करा दें।
बादशाह ने आदेश जारी करवा दिया।

जोरू का गुलाम | Joru Ka Gulam

जोरू का गुलाम
जोरू का गुलाम

कुछ ही दिनों में बीरबल के पास बहुत सारे मुर्गे जमा हो गए। बीरबल ने इन सारे मुर्गों को महाराज को दिखाते हुए बोले- महाराज इतनी भारी संख्या में मुर्गे जमा हो गए हैं कि एक मुर्गी खाना खोल सकते हैं। इसलिए अब आप अपना आदेश वापस ले लीजिए।

मगर बादशाह अब भी इस बात से सहमत नहीं हुए और आदेश वापस नहीं लिया। मगर बीरबल भी इस बात को साबित करके ही दम लेने वाले थे।

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अगले दिन बीरबल दरबार में आए और बोले महाराज हमारे राजदूतों से पता चला है कि पड़ोसी राजा की पुत्री बहुत ही खूबसूरत है। अगर आप कहे तो आपकी विवाह का प्रस्ताव वहां भेजूँ।
महाराजा अकबर, बीरबल की इस बात को सुनकर उछल पड़े और बोले यह क्या कह रहे हैं? बीरबल मेरी तो पहले से दो बीवियां है। अगर उन्हें पता चला तो मेरी शामत आ जाएगी।
महाराज के इतना कहते ही बीरबल फौरन बोले- हुजूर एक मुर्गा आप भी दे दे।
बीरबल की बात सुनकर बादशाह अकबर झेंप गए और अपना आदेश वापस ले लिए।

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