मुल्ला नसरुद्दीन और गरीब का झोला | Mulla Nasruddin Aur Garib Ka Jhola

मुल्ला नसरुद्दीन की कहानी: मुल्ला नसरुद्दीन और गरीब का झोला (Mulla Nasiruddin Aur Garib Ka Jhola)

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मुल्ला नसरुद्दीन और गरीब का झोला (Mulla Nasruddin Aur Garib Ka Jhola): एक दिन की बात है। मुल्ला नसरुद्दीन हमेशा की तरह अपने काम से कहीं जा रहे थे। मुल्ला ने देखा कि एक व्यक्ति आसमान की ओर मुख करके कुछ बड़बड़ा रहा है। उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं लग रही थी। उसके कपड़े जगह-जगह से फटे हुए थे। उस व्यक्ति के कंधे पर एक झोला लटक रहा था।

नजदीक जाकर पता चला कि वह व्यक्ति अपने अल्लाह से शिकायत कर रहा है। वह रोनी सूरत और खींझते हुए कह रहा है कि या… अल्लाह आपने मुझे इतनी गरीबी क्यों दी है? मेरे पास पहनने के लिए पूरे कपड़े नहीं है, खाने के लिए भी भरपेट भोजन नहीं है। मैं कैसी लाचारी और गरीबी की जिंदगी जी रहा हूँ। मेरे पास एक फटा हुआ झोला के सिवाय कुछ भी नहीं है। इस झोला को कंधे पर टांग कर भी क्या फायदा? इसकी किस्मत भी मेरी तरह ही है, बिल्कुल खाली!

Mulla Nasruddin Aur Garib Ka Jhola
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मुल्ला नसरुद्दीन और गरीब का झोला | Mulla Nasruddin Aur Garib Ka Jhola

उस व्यक्ति के इतना कहते ही मुल्ला नसरुद्दीन उसका झोला खींच कर भाग गया। थोड़ी दूर जाकर वह उस झोले को एक सड़क के किनारे पर रख दिया। वह व्यक्ति उसी रास्ते से बड़-बड़ाता हुआ जा रहा था कि मेरे पास रही-सही एक झोला था, दुर्भाग्य से वह भी चला गया। मेरी किस्मत ही फूटी हुई है।

इतना कहते-कहते उसकी नजर सड़क के किनारे रखी अपनी झोले पर पड़ी। वह व्यक्ति अपना खोया हुआ झोला पाकर बहुत खुश हो गया। उसकी आंखों में खुशी की चमक आ गई। वह प्रसन्न होते हुए अपने अल्लाह को शुक्रिया कहने लगा। कुछ देर पहले जो व्यक्ति अपने दयनीय स्थिति के लिए अल्लाह को कोश रहा था। वही अपना झोला पाकर अल्लाह को शुक्रिया कहने लगा।

मुल्ला नसरुद्दीन यह सारा वाकया दीवार के पीछे से छिपकर देख रहा था। मुल्ला नसरुद्दीन यह देख कर खुश था कि कुछ क्षण के लिए उसके चेहरे पर खुशी तो आई। साथ-ही-साथ जो चीज उसके पास है, उसका मोल उसे पता चल गया। वह व्यक्ति उस झोला को बड़े प्यार से अपने कंधे पर लटकाया और खुश होता हुआ चला गया। हमारे जीवन में बड़ी चीजों के साथ-साथ उन छोटी-छोटी चीजों का भी उतना ही मोल होता है। तो… हमारे पास जो है, उसमें संतुष्ट और खुशी ढूंढनी चाहिए। बजाय खुद को या दूसरों को कोसने के।

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  1. great post मुल्ला नसरुद्दीन और गरीब आदमी का थैला एक कालातीत क्लासिक है जो हमेशा एक संदेश देता है। पोस्ट की कहानी को फिर से बताना आकर्षक है और सहानुभूति के महत्वपूर्ण सबक को सामने लाता है। मुझे इसे पढ़ने में बहुत मज़ा आया और मैं निश्चित रूप से सिफारिश करूंगा यह दूसरों के लिए। साझा करने के लिए धन्यवाद!”

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