लक्षद्वीप | Lakshadweep Essay In Hindi

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Lakshadweep Essay In Hindi: लक्ष का अर्थ होता है- लाख। द्वीप समूह का अर्थ होता है- किसी सागर, महासागर में स्थित द्वीपों की श्रृंखला। लक्षद्वीप भी द्वीपों का समूह है।जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है लक्ष का मतलब लाख। कहने का अर्थ है कि 1 लाख द्वीप। लक्षद्वीप भारत के दक्षिण पश्चिम तट से 200 से 400 किलोमीटर दूरी पर अरब सागर में स्थित है।

Lakshadweep Essay In Hindi
Lakshadweep Essay In Hindi

लक्षद्वीप का पुराना नाम लक्कादीव – मिनिकॉय -अमिनीदिवी द्वीप है। लक्षद्वीप की राजधानी “कवरत्ती” है। यह केंद्र शासित प्रदेश है। यह भारत का सबसे छोटा राज्य क्षेत्र है। लक्षद्वीप द्वीप समूह में बारह प्रवाल द्वीप (एटोल), तीन प्रवाल भित्ति (रीफ) और पांच जलमग्न बालू के तटों को मिलाकर कुल 36 छोटे बड़े द्वीप समूह है। पूरे द्वीप समूह को लक्षद्वीप के नाम से जाना जाता है। इसका कुल सतही क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर (12 वर्ग मील) है। परंतु केवल 10 द्वीपों पर ही लोग निवास करते हैं।

लक्कादीव उप समूह में अन्द्रोत, कल्पेनी,कवरत्ती, पित्ती और सुहेली पार द्वीप शामिल है।

अमिनीदिवी उप समूह में अमिनी, केल्तन, चेतलत, कदमत, बितरा और पेरुमल पार द्वीप आते हैं।

दोनों उप समूह जलमग्न पित्ती बालू तट के माध्यम से आपस में जुड़े हुए हैं। मिनिकॉय द्वीप समूह एक अकेला प्रवाल द्वीप है। जो 200 किलोमीटर चौड़ा, 9 डिग्री चैनल के दक्षिणी छोर पर स्थित है। यह सभी तीनों द्वीप समूह अरब सागर में भारत के “कोरल द्वीप” समूह का निर्माण करते हैं।

लक्षद्वीप को राजा चेरामन पेरूमल ने बसाया था। लक्षद्वीप में बोली जाने वाली मुख्य और सर्वाधिक भाषा मलयालम है। इसके अलावा हिंदी, बंगाली, उड़िया, तमिल, उर्दू और अरबी भी बोली जाती है। इतनी सारी भाषा बोली जाने के कारण यह है कि यहां पर अलग-अलग जगह के लोग निवास करते हैं।

लक्षद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप अन्द्रोत द्वीप है। इस द्वीप की लंबाई 4.66 किलोमीटर तथा अधिकतम चौड़ाई 1.43 किलोमीटर है। लक्षद्वीप का सबसे छोटा द्वीप बितरा द्वीप है। यह मात्र 0.105 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यह सबसे कम आबादी वाला द्वीप है। लक्षद्वीप अपनी प्राकृतिक सुंदरता, मूंगा चट्टानों, हरियाली, खूबसूरत समुद्र तट तथा प्राचीन समृद्ध संस्कृति विरासत के लिए प्रसिद्ध है।

समुद्र में मछलियों के अनेक प्रजातियां देखने को मिलती है। यहां स्कूबा डाइविंग, स्नॉरकलिंग का आनंद ले सकते हैं। लक्षद्वीप के कुछ लोकप्रिय पर्यटन स्थल है- अगाती, कवरत्ती, बांगरम और मिनिकाय।

अगाती को लक्षद्वीप का प्रवेश द्वार कहा जाता है। यहां पर सफेद रेतों वाली समुद्र तट है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

कवरत्ती, लक्षद्वीप की राजधानी होने के कारण यह सबसे व्यस्त द्वीप है। यहां ऐतिहासिक लाइटहाउस है। जहां से सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है।

बांगरम अपने स्वच्छ पानी, सफेद रेत और समृद्ध समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है। इस द्वीप का पानी स्वच्छ और निर्मल होने के कारण डॉल्फिन को बहुत ही आसानी से देखा जा सकता है। यहां डॉल्फिन के साथ खेला भी जा सकता है।

मिनिकाय, लक्षद्वीप का दूसरा बड़ा द्वीप होने के साथ-साथ एक लग्जरी डेस्टिनेशन है। जो अपने शानदार रेसॉर्टस के लिए जाना जाता है।

संस्कृति और त्योहार | Lakshadweep Essay In Hindi

लक्षद्वीप अपने संस्कृति के लिए भी जानी जाती है। कोलकली और परिचकली लक्षद्वीप के दो लोकप्रिय नृत्य रूप है। मिनिकाय को छोड़कर, लावा सबसे लोकप्रिय नृत्य है। एक अन्य पारंपरिक नृत्य ओपाना किया जाता है। जिसे एक मुख्य गायक गाना गाता है और महिलाएं एक साथ नृत्य करती है। यह विवाहों में किया जाता है।

लक्षद्वीप में मुख्य रूप से ईद-उल-फितर त्योहार मनाया जाता है। यहां पर मुस्लिम धर्म की बहुलता है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, मिलाद-उल-नबी, बकरीद और मोहर्रम भी बड़े पैमाने और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस बहुत ही हर्षोल्लाह के साथ मनाया जाता है।

लक्षद्वीप के खानपान

लक्षद्वीप में मुख्य भोजन कवरत्ती बिरयानी है। यह स्वादिष्ट और सुगंधित बासमती चावल से बनी होती है। इसके अलावा मसल्स अचार, कोकोनट, मिल्क बेस्ड डिश, मोपला डिश है। यहां समुद्री भोजन के साथ-साथ शाकाहारी भोजन भी शामिल है।

लक्षद्वीप के व्यवसाय

लक्षद्वीप में लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना और नारियल की खेती है। यहाँ टूना मछली का निर्यात भी किया जाता है। लक्षद्वीप का हस्तशिल्प भी दुनिया भर में बहुत लोकप्रिय है। इस द्वीप के कारीगर कौड़ी, मूंगा, सीप से आकर्षक आभूषण और सजावटी सामान भी बनाते हैं।

लक्षद्वीप समूह का राजकीय पशु तितली मछली है और राजकीय पक्षी सूटी टर्न है।

लक्षद्वीप के पोशाक

लक्षद्वीप में पुरुष मुख्य रूप से लुंगी पहनते हैं। जो सफेद या रंगीन होते हैं। गर्मी की अधिकता के कारण यह लूंगी सूती कपड़ों के और बहुत हल्के होते हैं। शरीर के ऊपरी हिस्सों में वह कोई अन्य कपड़ा नहीं पहनते हैं। परंतु आधुनिकता के प्रसार के कारण युवा लूंगी के ऊपर शर्ट पहनना पसंद करते हैं।

महिलाएं कच्ची पहनती है। जो वहां के पारंपरिक परिधान है।कच्ची आयताकार कपड़े का टुकड़ा होता है। जो किनारो पर सिला हुआ नहीं होता है। वे कमर में सोने के या चांदी के बेल्ट पहनती है।

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FAQ

Q1. लक्षद्वीप का इतिहास क्या है?

ANS. वर्ष 1854 में सभी द्वीप ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आ गये। बाद में ब्रिटिश शासन ने सभी द्वीपों को अपने कब्जे में ले लिया। वर्ष 1947 में भारत के स्वतंत्र होने के बाद सभी द्वीपों की संप्रभुता भारत को हस्तांतरित कर दी गयी। वर्ष 1956 में यह भारत का केंद्र शासित प्रदेश बना और 1973 में इसे लक्षद्वीप नाम दिया गया।

Q2. लक्षद्वीप में कितने दीप है?

इस द्वीपसमूह में कुल 36 द्वीप हैं लेकिन 10 ही ऐसे हैं जहां लोग बसते हैं।

Q3. लक्षद्वीप की कला क्या है?

कोलकली और परिचकली लक्षद्वीप के दो लोकप्रिय लोक कला रूप हैं। वे मिनिकॉय को छोड़कर सांस्कृतिक परिवेश का एक अभिन्न अंग हैं जहां “लावा” सबसे लोकप्रिय नृत्य रूप है। कुछ लोक नृत्यों का उत्तर पूर्वी भारत में उन लोगों के साथ एक साम्य है।

Q4. लक्षद्वीप का दूसरा नाम क्या है?

लक्षद्वीप, 36 द्वीपों का समूह अपने विदेशी और सूरज-चुंबन वाले समुद्र तटों और हरे भरे लैंडस्केप के लिए जाना जाता है। मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप का नाम ‘एक लाख द्वीप’ है।

Q5. लक्षद्वीप का पुराना नाम क्या है?

लक्षद्वीप द्वीप समूह पश्चिम में मालाबार तट के करीब स्थित है। छोटे द्वीपों के इस समूह को पहले लैकाडिव, मिनिकॉय और अमाइंडिव द्वीपों के नाम से जाना जाता था। 1973 में इसका सामूहिक नाम लक्षद्वीप हो गया।

Q6. लक्षद्वीप का नृत्य कौन सा है?

लावा लक्षदीप का लोक नृत्य है। यह मुख्य रूप से लक्षद्वीप के पुरुषों द्वारा किया जाने वाला एक लोक नृत्य है, जो उत्सव के अवसरों पर नृत्य की एक प्रसिद्ध पारंपरिक शैली है। ‘लावा’ शब्द संगीत, गीत और लय के सुंदर भावों को दर्शाता है। लावा नृत्य लक्षद्वीप मिनिकॉय द्वीप पर सबसे लोकप्रिय नृत्य है।

Q7. लक्षद्वीप में कौन सा धर्म है?

2011 की जनगणना के अनुसार, लक्षद्वीप की आबादी 64429 है। 9 3% जनसंख्या जो स्वदेशी हैं, मुस्लिम हैं और उनमें से अधिकांश सुन्नी संप्रदाय के शफी स्कूल से संबंधित हैं। मलयालम को मिनिकॉय को छोड़कर सभी द्वीपों में बोली जाती है जहां लोग मह्हे बोलते हैं जो दिवेही लिपि में लिखे जाते हैं और मालदीव में भी बोली जाती हैं।

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